
करती रही पर कोई फ़ल प्राप्त नहीं हुआ ..तब किसी ने उसे
सुझाव दिया कि शंकर की भक्ति करो उससे जल्दी लाभ होगा
उसने वैसा ही करने की सोची लेकिन सुझाव देने वाले ने कहा
ऐसा करना कि शंकर को ऊँचा रखना और विष्णु को नीचे..
उस औरत ने बात मान ली और विष्णु को उठाकर नीचे रख
दिया और शंकर को ऊपर वाले खाने में बैठा दिया..फ़िर जब
वह औरत पूजा आदि के लिये अगरवत्ती जलाने लगी तो
उसको ख्याल आया कि अगरवत्ती की खुशबू विष्णु को भी
लगेगी और इस तरह तो उनकी भी पूजा हो जायेगी..तो
मेरा शायद काम न हो ..फ़िर कुछ विचार करके उसने विष्णु
की नाक में रुई चिपका दी और पूजा करने लगी ..इससे विष्णु
प्रकट हो गये.और कहा कि तुम्हारी आस्था कितनी सच्ची है जो इस मूर्ति में भी तुम असली का अनुभव भाव रखती हो..कहते हैं कि विष्णु ने उसकी इच्छा पूरी कर दी .
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