मैंने कई शास्त्रों में युगों की आयु के बारे में अलग अलग पडा था और लोग मुझसे प्रश्न भी करते थे कि कलियुग की उमर कितनी है । और कितनी शेष है ।
दो महत्वपूर्ण बातें पौराणिक शोधकर्ताओं हेतु बतायीं । एक तो कलियुग की आयु 28 000 बरस है और दूसरे इस समय इन्द्र की पदवी पर प्रह्लाद है । वही प्रहलाद जो होलिका दहन के लिये प्रसिद्ध है । मेरी निगाह में ये दो तथ्य भी शोधकर्ताओं के लिये काफ़ी महत्वपूर्ण हैं ।
अभी में इस बात पर स्पष्ट नहीं हूं कि तीसरे तथ्य में मैंने जो सुना वो पूरी तरह सही ही था । क्योंकि अन्य महात्मा भी थे और शिष्य लोग आ गये थे इसलिये थोडा गम्भीर बातचीत का माहौल नहीं था ।
फ़िर भी महाराज जी ने तीसरा महत्वपूर्ण तथ्य ये बताया कि एक युग में चौदह मनु होते हैं ।
खैर ये तीनों तथ्य जो महाराज जी से कभी कभी ही मुश्किल से प्राप्त हो पाते हैं । मैं शोधकर्ताओं हेतु प्रकाशित कर रहा हूं । मैं कभी इस बात के लिये दवाव नहीं कि बात पूरी तरह आंख बन्द कर मानें । लेकिन जो संतो के माध्यम से प्राप्त दुर्लभ जानकारी जो मैं आपको देता हूं । उससे कई रहस्य अनायास ही खुल जाते है । क्योंकि आत्मग्यानी संत शास्त्र के हवाले से बात नहीं कहते बल्कि निज अनुभव ग्यान के आधार पर कहते हैं ।
कल शाम को एक मजेदार बात ज्योतिष पर भी छिडी । वो बात ये थी कि त्रेता युग में महाराज दशरथ के कुलगुरु वशिष्ठ जिन्हें ज्योतिष का भी अच्छा ग्यान था । के तीन ज्योतिष ग्यान एकदम फ़ेल हुये ।
पहला उन्होनें जब कैकयी का दशरथ के लिये विवाह प्रस्ताव आया तो उन्होंने और अन्य पुरोहितों ने स्पष्ट कहा कि ये लडकी खानदान को बिलकुल मटियामेट कर देगी । लिहाजा विवाह प्रस्ताव नामन्जूर कर दिया गया ।
लेकिन होनी ज्योतिष से अधिक बलबान होती है । रावण की करामात से दशरथ जो अपनी परम्परा के अनुसार एक पत्नीवृत यानी एक ही विवाह करना चाहते थे । उनके तीन रानियों से एक साथ विवाह हुये । जिनमें कौशल्या और सुमित्रा सगी बहिनें थी और कैकयी अलग थी ।
( इस पूरे विवरण को विस्तार से जानने के लिये मेरी पोस्ट दशरथ के तीन विवाह कैसे हुये ? पढें )
यानी वशिष्ठ का ज्योतिष फ़ेल हो गया ।
दूसरा जब राम का सीता के साथ विवाह हुआ तो वशिष्ठ द्वारा राम सीता की कुन्डली मिलाने पर 36 गुण मिले और विवाह को सब प्रकार से उत्तम बताया गया । यानी सीता सुखी रहेगी ये जोडा बेहद सफ़ल रहेगा ?
ये बात वशिष्ठ का ज्योतिष कह रहा था ।
जनक के पुरोहितों आदि ने भी कुन्डली का मिलान किया होगा ।
अब सीता कितनी सुखी रही और ये शादी कितनी सफ़ल रही ये बताने की शायद आवश्यकता नहीं है ।
तीसरा जब दशरथ ने राम को राजगद्दी देने का फ़ैसला किया तब भी वशिष्ठ ने मुहूर्त आदि का मिलान करके उस समय को बहुत उत्तम घडी बताया । जिसमें राजतिलक होना था ?
लेकिन यहां भी वशिष्ठ का ज्योतिष फ़ेल हो गया । गद्दी की जगह वनवास हो गया वो भी चौदह बरस का । वो भी एक की जगह तीन तीन को ।
बाद में राम ने यह प्रश्न वशिष्ठ से किया भी कि आप तो कह रहे थे कि योग अच्छा बन रहा है । फ़िर बुरा कैसे हो गया ?
तब वशिष्ठ ने उत्तर दिया कि विधि का लिखा को मेटनहारा ? अब एक प्रश्न ये उठता है कि वशिष्ठ अलौकिक ग्यान से कुन्डली को जानते थे और मात्र ज्योतिष किताबों का सहारा नहीं लेते थे । फ़िर भी फ़ेल हो गये तो ज्योतिष की सार्थकता क्या है ? क्या वशिष्ठ आदि ग्यानियों और अन्य पुरोहितों को दशरथ पर आने वाले संकट का ज्योतिष में कोई इशारा नहीं था । उपाय नहीं था ?
एक बार एक मित्र के जरिये एक ज्योतिषी जो जोधपुर रिटर्न यानी जोधपुर से ज्योतिष सीखे हुये थे । मेरे पास आये और बहुत सी बातें बतानें लगे । जिनके जरिये ज्योतिष से हीरा पहनकर गिरता आसमान रोका जा सकता है ।
मैंने कहा मुझे एक नवजात बच्चे का बीस साल या चालीस साल का भविष्यफ़ल उसकी कुन्डली के सहित बनबाना है ।
वो खुशी खुशी तैयार हो गये ।
मैंने कहा । बच्चे की जन्मतिथि... है चालीस साल के जीवन में क्या क्या घट चुका है ये ज्योतिष के द्वारा जानना चाहता हूं । यानी लोग आगे की जानना चाहते हैं मैं पीछे की जानना चाहता हूं और आपको फ़लादेश बताने के लिये सिर्फ़ जन्म तिथि और जन्म स्थान की आवश्यकता ही होती है ।
ज्योतिषी का मुंह फ़क पड गया । उस समय उच्च स्तर के विद्वान आठ लोग बैठे थे । अतः ज्योतिषी छोटे मोटे तर्क से काम नहीं चला सकते थे । ज्योतिषी ने मेरी कुन्डली बनाने से इंकार कर दिया ।
1 टिप्पणी:
कलियुग की आयु 28 000 बरस है , ye kaise sidh hota hai???
Meri Nayi Kavita aapke Comments ka intzar Kar Rahi hai.....
A Silent Silence : Ye Kya Takdir Hai...
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